ये सिन्दूर तेरे नाम का..स्त्री के मांग के बीच सिन्दूर का महत्व क्या है...

ये सिन्दूर तेरे नाम का..स्त्री के मांग के बीच सिन्दूर का महत्व क्या है...

यदि स्त्री के मांग के बीच सिन्दूर लगा हुआ है।तो उसके पति की अकाल मृत्यु नही हो सकती।

जो स्त्री अपनी मांग के सिन्दूर को बालो से छिपा लेती है,उसका पति समाज में छिप जाता है।

जो स्त्री बीच मांग में सिन्दूर न लगा कर किनारे की तरफ सिन्दूर लगाती है,उसका पति उससे किनारा कर लेता है।

यदि स्त्री के बीच मांग में सिन्दूर भरा है,तो उसके पति की आयु लम्बी होती है।रामायण में एक प्रसंग में आता है,जब बाली और सुग्रीव के बीच युद्ध हो रहा था। तब श्रीराम ने बाली को नही मारा
जब बाली के हाथों मार खाकर सुग्रीव श्रीराम के पास पहुचा,तो श्रीराम ने कहा की तुम्हारी और बाली की शक्ल एक सी है,इस लिये मैं भ्रमित हो गया।

अब आप ही बताइये श्रीराम की नजरो से भला कोई छुप सकता है क्या..?
असली बात तो यह थी जब श्रीराम ने यह देख लिया की बाली की पत्नी तारा की मांग सिन्दूर से भरी हुई है।

तो उन्होने सिन्दूर का सम्मान करते हुऐ बाली को नही मारा। दूसरी बार जब सुग्रीव ने बाली को ललकारा तब तारा स्नान कर रही थी,उसी समय भगवान ने देखा की मौका हैं।देखकर बाण छोड़ दिया।

अब आप ही बताइये की जब मांग में सिन्दूर भरा हो तो परमात्मा भी उसको नही मारते,फिर उनके सिवाय कोई और क्यो मारेगा..?

यह पोस्ट मैं इसीलिये कर रहा हूं की आजकल फैशन चल रहा है,सिन्दूर न लगाने का या हल्का सिन्दूर लगाने का या बीच मांग में न लगाकर किनारे लगाने का
नआशा करता हूं की मेरे इस पोस्ट से आप लोग सिन्दूर का महत्व समझ गये होंगें।

अपनी पत्नियों को जरूर इस हकीकत से रूबरू कराओ भाई....

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