चिकित्सकों एवं स्टाफ ने दिया नया जीवन

 चिकित्सकों एवं स्टाफ ने दिया नया जीवन


जहाँ चारो और निराशा का वातावरण है और महामारी के बारे में सुनने को मिल रहा है।वही नेछवा हलचल उन व्यक्तियों के विचार साझा कर रहा है जो कोरोना को मात देकर विजय प्राप्त की है। वो भी किसी नामीगिरामी हॉस्पिटल नही,एक गाँव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में।इस पहल का उद्देश्य यही है कठिन समय मे भी आशाओं का दामन नहीं छोड़ना चाहिये।

 कोरोना से जंग जीत चुके रूल्यानी के संदीप कुमावत एव उसके परिवार की जुबान पर बस एक ही नाम आता है डॉ कुलदीप महला।

संदीप के पिताजी दामोदर जी कुमावत का कहना है, कि सीकर में कही भी बेड नही मिलने पर रात को 1 बजे डॉ कुलदीप महला से आग्रह किया गया कि उनके बेटे की स्थिति बहुत खराब है, मदद कीजिए। तुरंत प्रभाव से नेछवा सरकारी अस्पताल में इलाज शुरू हुआ, वहा के स्टाफ ने भी डॉ साहब के साथ मिलकर भरपूर सहयोग किया और 4 - 5 दिन बाद संदीप मौत के मुंह से बाहर आया।

डॉ कुलदीप महला, डॉ हिमांशु लांबोरा, राजकुमार, त्रिलोक,सुरेन्द्र,महिपाल, प्रेम,श्रीमती दुर्गा सहित अस्पताल के समस्त लोगो को संदीप कुमावत के परिवार ने बारम्बार धन्यवाद दिया,एवं अस्पताल के लिए सेनिटाइजर एवं मास्क भी दान दिए।

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